नमाज़ अल्लाह की इबादत करने का पाँच गुना काम है। इस्लाम के नियमों के अनुसार, नमाज किसी भी वयस्क मुस्लिम को करनी चाहिए जो उसके सही दिमाग में हो। यह प्रक्रिया मुस्लिम आस्था में सबसे महत्वपूर्ण है।
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नमाज क्या है?
नमाज़ सभी मुसलमानों की मुख्य प्रार्थना है। नमाज़ अदा करते समय, प्रत्येक मुसलमान को ईमानदारी से अपने ईश्वर की ओर मुड़ना चाहिए, उसकी प्रशंसा करनी चाहिए, और उसकी आज्ञाकारिता और उसके प्रति उसकी निष्ठा की भी पुष्टि करनी चाहिए। यही कारण है कि केवल एक वयस्क मुसलमान जिसे उसके दाहिने दिमाग में पढ़ा जा सकता है और शांत स्मृति इस प्रार्थना को पढ़ सकता है। चूंकि पांच गुना प्रार्थना इस्लाम के अपरिहार्य स्तंभों में से एक है, मुसलमान आमतौर पर अपने दिन की अग्रिम योजना बनाते हैं ताकि उनकी प्रार्थनाओं में कुछ भी हस्तक्षेप न कर सके।